Tuesday, September 05, 2006

एक मुलाकात...

मेरी मुलाकात उत्तरप्रदेश से आये महान कवि श्री सोम ठाकुर, कवि ऐवम समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य श्री उदयप्रताप सिंह, और युवा कवि ऐवम कंप्यूटर इंजीनियर भाई अभिनव शुक्ला से न्युजर्सी, अमेरिका में हुइ थी । कविता के रुप में प्रस्तुत है मेरा अनुभव ।......

कविवर सोम से मिलकर वैभव कविता का ज्ञात हुआ ।

बुध्दिवादी व्यवहारिक दुनिया में आत्मा का कैसा ह्रास हुआ ।
उदयप्रताप की बात निराली ऐसा हमने माना है ।
राजनीति की कठिन डगर पर हमने कविता को साधा है ।
समाजवादी इस मशाल का कविता से श्रृंगार हुआ ।
अभिनव की अदभुत क्षमता से युवा शक्ति का भान हुआ ।
विकल्पहीन नहीं हैं हम ऐसा द्रढ़ विश्वास हुआ ।
सूरज की इन किरणों से मिलकर रोशन हुआ तिमिर अन्तर्मन ।
मुझको भी बनना है दीपक ऐसा एक आगाज़ हुआ ।

3 comments:

  1. बहुत अच्छी कविता है । चिट्ठा जगत मैं शुरुआत पर बधाई । आशा है आगे भी अच्छा लिखेंगे । आपके ब्लाँग का नाम "भावनायें" है, आप भाव्नात्मक व्यक्ति है, अच्छा लिख सकते हैं, क्योंकि भावनाओं का अनुशासित एवं सहज प्रवाह ही साहित्य है !

    ReplyDelete
  2. This is realy a good Kavita, Yeh nahi lagta ki ye first kavita hai ek IT Engineer ki.

    You are looks like a champ....

    Keep it up....

    Dharmendra Soni

    ReplyDelete
  3. रीतेश:
    तुम्हारा हिन्दी ब्लौग जगत में स्वागत है । सहज भावनाओं से भरी ये कविता अच्छी लगी।
    यदि मैं गलत नही समझ रहा हूँ तो तुम्हारा आशय अखडंप्रताप सिहं जी से नहीं बल्कि उदयप्रताप सिंह जी से है । उदयप्रताप जी सोम ठाकुर और अभिनव शुक्ला के साथ हिन्दी समिति के निमंत्रण पर पिछले वर्ष न्यू जर्सी आये थे ।

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी और उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार....