Friday, April 24, 2015

कौशल...

समझ नहीं आ रहा कहाँ से शुरू करूँ कौशल
क्योंकि सारे ही बड़ॆ कमाल के हैं तुम्हारे कौशल
सिर्फ़ जबाब ही नहीं कठिन सवालों को बड़ी आसानी से खा जाने का कौशल
हर परिस्तिथि में रिसोर्स जुगाड़ने का कौशल
टीम से जुड़ाव का कौशल
कौशल से कहाँ किसी को खतरा लगता है
कौशल तो सभी को अपना लगता है
हमें गम है तुम्हारे दूर जाने का
लेकिन साथ ही खुशी है की वो ही कारण बना है आज तुम्हारा अपनॊ के पास जाने का
हम जानते हैं की आज हम तुम्हें नहीं रोक पायेगें
क्योंकि जिस तरह जम्बूरियत में बहूमत सर्वोपरि होता है
वैसे ही परिवार, ससुराल, पुराने दोस्त, वड़ा-पाव, चौपाटी, पुणे-मुंबई हाईवे, शाम के बाद पुणे की रुमानियत....सब की सब आज बहूमत बनकर हमारे सामने खड़े हो गये हैं
छोड़ो यार अब लिखना समाप्त करते हैं .....बेकार में सेंटी होना ठीक नहीं...वैसे भी तुम तो जा ही रहे हॊ हर क्वार्टर आने के लिये...और साथ में कुछ क्वार्टर चड़ाने के लिये JJJJ

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