कभी-कभी सोचता हूँ
EMC तुम ना होती तो क्या होता....
तुमसे मिलकर ही मैंने सीखा रोटी कमाने का कौशल
कैसे अनुज बनकर भी बड़े काम किये जा सकते हैं
और कीर्ति को पाया जा सकता है
यहाँ ही मन जान सका
वैभव के साथ धीरज का होना कितना जरूरी है
अपने काम को निष्ठा और ईमानदारी से करते हुये अमर हुआ जा सकता है
हँसी-विनोद संग मधुरता से हर परिस्तिथी का सामना करना
अच्छे काम का श्री गणेश कभी भी किया जा सकता है
और उसकी जय निश्चित है
कभी-कभी सोचता हूँ
EMC तुम ना होती तो क्या होता....
EMC तुम ना होती तो क्या होता....
तुमसे मिलकर ही मैंने सीखा रोटी कमाने का कौशल
कैसे अनुज बनकर भी बड़े काम किये जा सकते हैं
और कीर्ति को पाया जा सकता है
यहाँ ही मन जान सका
वैभव के साथ धीरज का होना कितना जरूरी है
अपने काम को निष्ठा और ईमानदारी से करते हुये अमर हुआ जा सकता है
हँसी-विनोद संग मधुरता से हर परिस्तिथी का सामना करना
अच्छे काम का श्री गणेश कभी भी किया जा सकता है
और उसकी जय निश्चित है
कभी-कभी सोचता हूँ
EMC तुम ना होती तो क्या होता....
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आपकी टिप्पणी और उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार....