Saturday, September 29, 2007

सपने भी सुंदर आयेगें...

संस्कारों से मिली थी
उर्वरा धरती मुझे
स्नेह का स्पर्श पाकर
बाग पुष्पित हो गया
भावनाओं से पिरोया
सूत में हर पुष्प को
माला ना फ़िर भी बन सकी
अर्पण जिसे मैं कर सकूँ
हे ईश सविनय आज तुमको

प्रयास भगीरथ का यहाँ
हमसे यही तो कह रहा
असंभव कुछ भी नहीं
सत्कर्म पर निष्ठा रखे
गर आदमी चलता रहे

फ़िर सोचता हूँ
क्या कर्म है सबकुछ जहाँ में
भाग्य कुछ होता नहीं
सच है अगर यह बात तो
श्रमवीर सब हँसते जगत में
एक भी रोता नहीं

कर्म है सबका सवेरा
भाग्य कुछ सपनों सा है
कर्म अगर अच्छे रहे
तो सपने भी सुंदर आयेगें

17 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना है।
    रीतेश, यदि बुरा ना मानें तो एक छोटा सा सुझाव देना चाहता हूं। शब्दों की अक्षरी और
    मात्राओं को सुधारने पर ध्यान दें तो तुम्हारी रचनाओं में चार चांद लग जाएंगे।
    बहुत अच्छा लिखते हो।

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  2. महावीर जी,

    बुरा मानने वाली कोई बात नहीं है । ये तो आपका स्नेह है । मैंने थोड़ा सुधार किया है

    कृपया ऎसे ही मार्गदर्शन करते रहें ...हार्दिक धन्यवाद

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  3. एक बेहतरीन रचना. आनन्द आ गया. महावीर जी का आशीर्वाद मिला है मतलब तर गये तुम तो. भाग्यशाली हो.

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  4. अच्छा लिखा है, लेकिन महावीर जी की बातो पर जरुर ध्यान दे

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  5. रितेश भाई,
    आपकी कविता नि: संदेह भावपूर्ण है, अच्छा लिखते हैं आप! किंतु आदरणीय महावीर जी, जो एक उम्दा शब्द शिल्पी हीं नहीं, अपितु एक
    उच्च कोटि के सर्जक भी हैं, उनका आशीर्वाद मिलना बहुत बड़ी बात है. समीर भाई ने भी
    यही बात दूहराई है , आशा है उनकी बातों पर आवश्य ध्यान देंगे. वैसे क्रम बनाए रखें.

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  6. राजेश जी, रवीन्द्र जी,

    मैंने शब्दों और मात्राओं में और सुधार किया है
    कृपया ऎसा ही स्नेह बनाये रखें
    धन्यवाद..

    रीतेश गुप्ता

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  7. बहुत बढिया रीतेश. बहुत ही बढिया लिखा है, और लिखो भी क्यो नही ये जो होशंगाबाद की माटी का प्रताप है जिसमे हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य कवि श्री माखन लाल जी चतुर्वेदी का जन्म हुआ है |

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  8. बहुत उच्चकोटी की कविता है… भावनाएं संगत व प्रासंगिक है… निश्चय ही सपने जरुर आते रहेंगे…।

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  9. सपने बहुंत सुंदर आ रहे हैं। सच भी होंगे।

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  10. शब्द वही होते हैं बस उन्हें गूंथनें के अंदाज जुदा होते हैं....रितेश भाई आपका अंदाज़ आपकी दिल की गहराईयों की भावनाएं बयां कर देता है...

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  11. bklqjv Your blog is great. Articles is interesting!

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  12. रितेश जी
    बहुत अच्छा लिखते हैं आप । भाव और भाषा दोनो सुन्दर हैं । अभिव्यक्ति बहुत ही सहज है । बधाई स्वीकारें ।

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आपकी टिप्पणी और उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार....